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नारी न्याय (महिलाओं के लिए न्याय)

mahalakshmi

महालक्ष्मी

आय और अवसर की असमानता भारत का सबसे कटु सत्य बनी हुई है। यह सुनिश्चित करना किसी भी सरकार की नैतिक और राजनीतिक जिम्मेदारी है कि प्रत्येक भारतीय परिवार को हर महीने एक निश्चित आय सुनिश्चित हो।

  1. कांग्रेस ने प्रत्येक गरीब भारतीय परिवार को बिना शर्त नकद हस्तांतरण के रूप में एक लाख रुपए प्रति वर्ष प्रदान करने के लिए एक महालक्ष्मी योजना शुरू करने का संकल्प लिया है। हितग्राहियों की पहचान सबसे ज़रूरतमंद परिवारों में से की जाएगी।
  2. यह राशि सीधे घर की सबसे बुजुर्ग महिला के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी। बुजुर्ग महिला के नहीं रहने पर इसे परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य के खाते में स्थानांतरित किया जाएगा।
  3. योजना को चरणों में शुरू किया जाएगा और लाभार्थी परिवारों की संख्या और गरीबी उन्मूलन पर इसके प्रभाव का आकलन करने के लिए हर साल समीक्षा की जाएगी।

महिला सशक्तिकरण

ऐतिहासिक रूप से, महिलाओं के साथ भेदभाव किया गया है और उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाया गया है। कांग्रेस महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को दूर करने और महिलाओं के अधिकारों को बनाए रखने और आगे बढ़ाने का संकल्प लेती है।

Religious Minority
  1. संविधान का (106वां) संशोधन अधिनियम महिलाओं के प्रति भाजपा के विश्वासघात का प्रतीक है। संशोधन अधिनियम में कुटिल प्रावधान हैं जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सीटों के आरक्षण को 2029 के बाद ही लागू करने की अनुमति देंगे। कांग्रेस इन कुटिल प्रावधानों को हटा देगी और संशोधन अधिनियम को तुरंत लागू करेगी। महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण उन राज्य विधानसभाओं में लागू हो जायेगा जो 2025 के विधानसभा चुनावों में चुनी जाएंगी।
  2. कांग्रेस 2025 से महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की आधी (50 प्रतिशत) नौकरियां आरक्षित करेगी।
  3. कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि उच्च पदों जैसे, न्यायाधीशों, सरकार के सचिवों, उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों, कानून अधिकारियों और बोर्ड के निदेशकों पर अधिक महिलाओं की नियुक्ति हो।
  4. लैंगिक भेदभाव और पूर्वाग्रह के लिए सभी कानूनों की जांच की जाएगी। कांग्रेस सरकार के पहले वर्ष में अपमानजनक प्रावधानों को हटा दिया जाएगा या संशोधित किया जाएगा।
  5. कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि महिलाओं के वेतन में भेदभाव को रोकने के लिए ‘समान काम, समान वेतन’ का सिद्धांत लागू किया जाए।
  6. फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (जैसे आशा, आंगनवाड़ी, मिड-डे मील रसोइया, आदि) के वेतन में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना किया जाएगा।
  7. कांग्रेस महिलाओं को दिए जाने वाले संस्थागत ऋण की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी। विशेष रूप से, कांग्रेस बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) द्वारा स्वयं सहायता समूहों को दिए जाने वाले ऋण को व्यापक रूप से बढ़ाएंगे।
  8. महिलाओं की श्रम शक्ति भागीदारी दर 25 प्रतिशत है। कांग्रेस उचित और समान वेतन; कार्य के सुरक्षित स्थान; शिशु देखभाल सेवाएं; यौन उत्पीड़न और हिंसा को रोकना; और मातृत्व लाभ का विस्तार जैसे उपाय करके कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार करेगी।
  9. कांग्रेस “भारतीय महिला बैंक” को फिर से स्थापित करेगी, जिसने महिला निदेशक मंडल के साथ आशाजनक शुरुआत की थी, लेकिन पितृसत्तात्मक भाजपा/एनडीए सरकार ने इसे बंद कर दिया था।
  10. विवाह, उत्तराधिकार, विरासत, गोद-लेना, संरक्षकता आदि के मामलों में महिलाओं और पुरुषों का समान अधिकार होना चाहिए। कांग्रेस सभी कानूनों की समीक्षा करेगी और महिलाओं एवं पुरुषों के बीच समानता सुनिश्चित करेगी।
  11. कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 और घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 जैसे महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए।
  12. कांग्रेस प्रवासी महिला श्रमिकों के लिए पर्याप्त रैनबसेरे बनाने के लिए राज्य सरकारों को धन देगी और कस्बों और शहरों में महिलाओं के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षित और स्वच्छ सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध कराए जाएंगे। सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में नैपकिन वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी।
  13. कांग्रेस राज्य सरकारों के सहयोग के साथ छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों का एक नेटवर्क स्थापित करेगी।
  14. कांग्रेस प्रत्येक पंचायत में शिक्षा के लिए पैरालीगल के रूप में एक “अधिकार मैत्री” नियुक्त करेगी जो महिलाओं को उनके अधिकारों पर शिक्षित करेगी और उनके कानूनी अधिकार दिलाने में सहयोग करेगी।
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