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संविधानिक न्याय

DEFENDING THE CONSTITUTION

संविधानिक न्याय

लोकतंत्र बचाएँ, भय हटाएँ, स्वतंत्रता बहाल करें
भारत के लोकतंत्र को खोखला किया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि संसद सहित प्रत्येक संस्था ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है और कार्यकारी सरकार के अधीन हो गई है। यह सबको जानकारी है कि देश में एक व्यक्ति की इच्छा ही चलती है। लोकतांत्रिक संस्थाओं में लोगों का भरोसा बहाल करना होगा।

  1. कांग्रेस आपको भय से मुक्ति का वादा करती है।
  2. कांग्रेस मीडिया की पूर्ण स्वतंत्रता सहित भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहाल करने का वादा करती हैं।
  3. कांग्रेस मानहानि के जुर्म को अपराधमुक्त करने और कानून द्वारा, नागरिक क्षति के माध्यम से त्वरित उपाय प्रदान करने का वादा करती हैं।
  4. कांग्रेस इंटरनेट के मनमाने और अंधाधुंध निलंबन को समाप्त करने का वादा करती है।
  5. कांग्रेस दूरसंचार अधिनियम, 2023 की समीक्षा करेंगे और उन प्रावधानों को हटा देंगे जो बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करती हैं और जो निजता के अधिकार का उल्लंघन करती हैं।
  6. कांग्रेस निजता के अधिकार में हस्तक्षेप करने वाले सभी कानूनों की समीक्षा करने और निजता के अधिकार को बनाए रखने के लिए विभिन्न कानूनों में उपयुक्त संशोधन करने का वादा करती हैं।
  7. कांग्रेस लोगों के शांतिपूर्वक एकत्र होने और संगठन बनाने के अधिकार को बनाए रखने का वादा करती है।
  8. कांग्रेस वादा करती हैं कि कांग्रेस भोजन और पहनावे, प्यार और शादी, और भारत के किसी भी हिस्से में यात्रा और निवास की व्यक्तिगत पसंद में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। सभी कानून और नियम जो अनुचित रूप से हस्तक्षेप करते हैं उन्हें रद्द करेंगे।
  9. कांग्रेस वादा करती हैं कि संसद के दोनों सदन साल में 100 दिनों के लिए चलेंगे और पूर्व में प्रचलित संसद की महान परंपराओं को पुनर्जीवित किया जाएगा और ईमानदारी से पालन किया जाएगा। कांग्रेस वादा करती हैं कि सप्ताह में एक दिन प्रत्येक सदन में विपक्षी बेंच द्वारा सुझाए गए एजेंडे पर चर्चा के लिए समर्पित किया जाएगा। कांग्रेस वादा करती हैं कि दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को किसी भी राजनीतिक दल से अपना संबंध तोड़ना होगा, तटस्थ रहना होगा और सदियों पुराने मानदंड का पालन करना होगा कि ’अध्यक्ष निष्पक्ष है’।
  10. कांग्रेस ’एक राष्ट्र एक चुनाव’ के विचार को अस्वीकार करती है और कांग्रेस वादा करती हैं कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव संविधान और संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं के अनुसार जब भी निश्चित होंगे तब होंगे।
  11. कांग्रेस चुनाव प्रक्रिया में मतदाताओं का विश्वास बहाल करने का वादा करती है। कांग्रेस ईवीएम की दक्षता और मतपत्र की पारदर्शिता को संयोजित करने के लिए चुनाव कानूनों में संशोधन करेंगे। मतदान ईवीएम के माध्यम से होगा लेकिन मतदाता मशीन से उत्पन्न मतदान पर्ची को वीवीपैट (VVPAT) इकाई में रख और जमा कर सकेंगे। इलेक्ट्रॉनिक वोट मिलान का मिलान वीवीपैट पर्ची मिलान से किया जाएगा।
  12. कांग्रेस भारत के चुनाव आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, मानवाधिकार आयोग, महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक कार्यालय, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग और अन्य संवैधानिक निकायों की स्वायत्तता को मजबूत करने का वादा करती है।
  13. कांग्रेस संविधान की दसवीं अनुसूची में संशोधन करेगी और दलबदल (जिस मूल पार्टी से विधायक या सांसद चुना गया था उसे छोड़कर) को विधानसभा या संसद की सदस्यता से स्वत: अयोग्य घोषित करेगी।
  14. कांग्रेस योजना आयोग को बहाल करेगी और उसकी भूमिका और जिम्मेदारी को परिभाषित करेगी जिसमें अध्याय 7 में वर्णित नव संकल्प आर्थिक नीति की जरूरतों को पूरा करने के लिए मध्यम और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य योजनाएं तैयार करना शामिल होगा।
  15. कांग्रेस यह सुनिश्चित करने का वादा करती है कि पुलिस, जांच और खुफिया एजेंसियां सख्ती से कानून के अनुसार काम करेंगी। जिन बेलगाम शक्तियों का अभी वो प्रयोग करते हैं, उन्हें कम कर दिया जाएगा। जैसा भी मामला हो, उन्हें संसद या राज्य विधानमंडलों की निगरानी में लाया जाएगा।
  16. कानून को शस्त्र बनाकर उपयोग करने, मनमानी तलाशी, जब्ती और कुर्की, मनमानी और अंधाधुंध गिरफ्तारियां, थर्ड-डिग्री तरीकों, लंबी हिरासत, हिरासत में
  17. कांग्रेस जमानत के संदर्भ में एक कानून बनाने का वादा करती हैं जो इस आशय को पुनःस्पष्ट करेगा कि सभी आपराधिक कानूनों में ‘जमानत नियम है, जेल अपवाद है‘।
  18. कांग्रेस जेलों को पुनर्वास, सुधार और सुधार के संस्थानों में बदलने के लिए व्यापक जेल सुधार लागू करेगी।

नुकसान की भरपाई, उचित कानून बनाना

पिछले 10 वर्षों में भाजपा/एनडीए द्वारा संसद में प्राप्त प्रचंड बहुमत का दुरुपयोग करके ऐसे कानून बनाने के लिए जबरदस्त क्षति पहुंचाई गई, जो भारत के संविधान की मूल भावना के साथ-साथ कानून बनाने के मूल सिद्धांतों जैसे आवश्यकता, परामर्श, तर्कसंगतता और समानता का भी उल्लंघन करते हैं।

हम वादा करते हैं कि उचित संसदीय जांच और बहस के बिना भाजपा/एनडीए द्वारा पारित किए गए सभी जन-विरोधी कानूनों, विशेष रूप से श्रमिकों, किसानों, आपराधिक न्याय, पर्यावरण और वन और डिजिटल डेटा संरक्षण से संबंधित कानूनों की पूरी तरह से समीक्षा की जाएगी और उन्हें बदला जाएगा।

हम चुनावी बांड घोटाले, सार्वजनिक संपत्तियों की अंधाधुंध बिक्री, पीएम केयर्स घोटाले, उच्चतम स्तर पर बार-बार खुफिया विफलताओं और प्रमुख रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार की पूरी जांच करेंगे।

REVERSING THE DAMAGE

    मीडिया

    पिछले दस वर्षों में मीडिया के एक बड़े हिस्से से उनकी आज़ादी छीन ली गई है, या आत्मसमर्पण कर दिया गया है। कांग्रेस मीडिया को संविधान के तहत प्राप्त स्वतंत्रता को फिर से दिलाने में मदद करेगी।

    media
    1. कांग्रेस का हमेशा से मानना रहा है कि मीडिया के दुरुपयोग को ठीक करने के लिए स्व-नियमन सबसे अच्छा तरीका है। कांग्रेस स्व-नियमन की प्रणाली को मजबूत करने, पत्रकारिता की स्वतंत्रता की रक्षा करने, संपादकीय स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 में संशोधन करेगी।
    2. कांग्रेस फर्जी खबरों और पेड न्यूज के खतरे से निपटने के लिए परिषद को सशक्त बनाने के लिए भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 में संशोधन करेगी।
    3. कांग्रेस पत्रकारों को राज्य की बलपूर्वक कार्रवाई से बचाने के लिए कानून बनाकर स्वतंत्र पत्रकारिता की रक्षा करेगी। इसमें पत्रकारों की निगरानी, उनके उपकरणों को जब्त करने और उनके स्रोतों को उजागर करने के लिए सरकार की शक्तियों को प्रतिबंधित करना शामिल है।
    4. कांग्रेस मीडिया में एकाधिकार, मीडिया के विभिन्न वर्गों के क्रॉस-स्वामित्व और व्यावसायिक संगठनों द्वारा मीडिया पर नियंत्रण को रोकने के लिए एक कानून पारित करेगी। कांग्रेस संदिग्ध एकाधिकार के मामलों को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को भेजेगी।
    5. आकार की परवाह किए बिना सभी मीडिया हाउसों को अपनी वेबसाइटों के माध्यम से अपनी स्वामित्व संरचना (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष), क्रॉस होल्डिंग्स, राजस्व स्ट्रीम आदि का खुलासा करना होगा।
    6. कांग्रेस इंटरनेट की स्वतंत्रता को बनाए रखने और इंटरनेट को मनमाने ढंग से और बार-बार बंद करने से रोकने के लिए एक कानून पारित करेगी।
    7. कई नए कानून (उदाहरण के लिए ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल, 2023; डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम, 2023; प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स अधिनियम, 2023, आदि) सरकार को सेंसरशिप की बेलगाम शक्तियां देते हैं। पहला नाम वाला बिल वापस लिया जाएगा. पिछले दरवाजे से सेंसरशिप को खत्म करने के लिए अन्य दोनों अधिनियमों के प्रतिबंधात्मक प्रावधानों को संशोधित किया जायेगा या हटाया जाएगा।
    8. कांग्रेस सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 में संशोधन करेगी ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड पारदर्शी और उचित मापदंड के अनुसार वर्गीकृत प्रमाणपत्र प्रदान करता है।

    न्यायपालिका

    पिछले 10 वर्षों में भाजपा/एनडीए सरकार के कुशासन, कानून को शस्त्र बनाकर उपयोग करने (क़ानून की ओट में), जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और कार्यकारी शक्तियों के दुरुपयोग के कारण, लोग न्यायपालिका को लोकतंत्र विरोधी कार्यों और अधिनायकवाद के खिलाफ अंतिम उपाय के रूप में देखने लगे हैं। एक स्वतंत्र न्यायपालिका ही भारत के संविधान को कायम रख सकती है।

    Judiciary
    1. न्यायपालिका की स्वतंत्रता और गुणवत्ता, न्यायाधीशों की स्वतंत्रता और गुणवत्ता में परिलक्षित होती है। कांग्रेस न्यायपालिका की स्वतंत्रता को दृढ़ता से बरकरार रखेगी। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के परामर्श से, कांग्रेस एक राष्ट्रीय न्यायिक आयोग (NJC) की स्थापना करेगी। NJC की संरचना का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के परामर्श से किया जाएगा। NJC उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के चयन और नियुक्ति के लिए जिम्मेदार होगा।
    2. उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में सभी रिक्तियाँ 3 वर्षों के भीतर भरी जाएंगी।
    3. कांग्रेस सर्वोच्च न्यायालय में दो प्रभाग बनाने के लिए संविधान में संशोधन करेगी: एक संवैधानिक न्यायालय और एक अपील न्यायालय। 7 वरिष्ठतम न्यायाधीशों से युक्त संवैधानिक न्यायालय संविधान की व्याख्या और कानूनी महत्व या राष्ट्रीय महत्व से जुड़े मामलों की सुनवाई और निर्णय करेगा। अपील की अदालत, अपील की अंतिम अदालत होगी जो 3 न्यायाधीशों की प्रत्येक पीठ में बैठकर उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय न्यायाधिकरणों की अपीलों की सुनवाई करेगी।
    4. कांग्रेस न्यायपालिका के भौतिक और तकनीकी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और रखरखाव के लिए पर्याप्त धन आवंटित करेगी।
    5. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों से संबंधित व्यक्तियों और महिलाओं को अधिक संख्या में उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
    6. कांग्रेस एक न्यायिक शिकायत आयोग की स्थापना करेगी जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे। यह उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों के खिलाफ गंभीर कदाचार की शिकायतों की जांच करेगी।
    Anti-Corruption

    भ्रष्टाचार-विरोधी

    पिछले 10 वर्षों में हमने देखा है कि भाजपा/एनडीए सरकार द्वारा उठाए गए कई कदम वास्तव में भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने वाले थे। कुछ उदाहरण हैं नोटबंदी, राफेल सौदा, पेगासस स्पाइवेयर एवं चुनावी बांड योजना। कांग्रेस इन संदिग्ध सौदों और योजनाओं की जांच करेगी और उन लोगों को कानून के दायरे में लाएगी जिन्होंने इनसे अनुचित माध्यम से अवैध लाभ कमाया है।
    पिछले 10 वर्षों में ज्ञात अपराधियों को देश छोड़ने की अनुमति दी गई थी। ऐसा माना जाता है कि भाजपा/एनडीए सरकार ने उन्हें देश छोड़ने में मदद की है और किसी भी घोटालेबाज को वापस लाने में सक्षम नहीं है। जिन परिस्थितियों में उन्हें देश छोड़ने की इजाजत दी गई, उनकी जांच की जाएगी और घोटालेबाजों के सभी सहयोगियों को कानून के सामने लाया जाएगा।
    भाजपा एक विशाल वॉशिंग मशीन बन गई है। भाजपा में शामिल होने वाले पंजीकृत मामलों के आरोपियों को कानून से बचने की अनुमति दी गई। ऐसे लोगों पर लगे आरोपों को पुन:प्रवर्तन कर जांच की जाएगी।

      कला, संस्कृति और विरासत

      कला, संस्कृति और विरासत लोगों की पहचान होती है। भाजपा/एनडीए सरकार ने संस्कृति को राजनीति और विचारधारा की दृष्टि से देखने पर ध्यान केंद्रित किया है, जबकि संस्कृति के वास्तविक अभ्यासकर्ताओं, प्रथाओं और संस्थानों को उपेक्षित या सक्रिय रूप से कमजोर कर दिया गया है। कांग्रेस भारत की कला और संस्कृति की समृद्ध विविधता की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे वे स्वतंत्रता और रचनात्मकता के माहौल में विकसित हों।

      Art, Culture and Heritage
      1. कांग्रेस कलात्मक स्वतंत्रता की गारंटी देगी। कांग्रेस सेंसरशिप का विरोध करेंगे। स्वघोषित निगरानी समूहों द्वारा कलाकारों को सेंसर करने या डराने-धमकाने के प्रयासों से सख्ती से और कानून के अनुसार निपटा जाएगा।
      2. कांग्रेस भारत की जीवित परंपराओं, विशेषकर हमारी विशिष्ट स्वदेशी संस्कृतियों की समृद्धि को बनाए रखने के लिए संसाधन और ध्यान देगी।
      3. कांग्रेस कारीगर अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएंगे और शिल्प आधारित उद्यमों को बढ़ावा देगी।
      4. कांग्रेस वित्तीय स्वायत्तता सहित राष्ट्रीय सांस्कृतिक संस्थानों की स्वायत्तता सुनिश्चित करेगी। इन संस्थानों का संचालन क्षेत्र के प्रसिद्ध कलाकारों और विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा।
      5. कांग्रेस स्कूलों और कॉलेजों में कला शिक्षा को बढ़ावा देंगे और संस्थानों का समर्थन करेगी।
      6. कांग्रेस भारत की चोरी हुई कला को पुनः प्राप्त करने के प्रयासों को तेज करेंगे और इसमें निजी प्रयासों का भी समर्थन करेगी।
      7. कांग्रेस संग्रहालयों, कला दीर्घाओं, पुस्तकालयों और अभिलेखागारों की स्थापना के लिए सरकारी और निजी प्रयासों का समर्थन करेगी। इसमें जिला स्तर पर छोटे संस्थान शामिल होंगे, जो कलाकारों, कारीगरों, लोक संस्कृति और समुदायों के बारे में स्थानीय ज्ञान के भंडार हैं। कांग्रेस डिजिटल अभिलेखागार बनाने के उपायों का समर्थन करेगी।
      8. कांग्रेस पुस्तकालयों का एक राष्ट्रीय नेटवर्क बनाने के लिए राज्य सरकारों के साथ काम करेंगे। कांग्रेस मोबाइल और सामुदायिक पुस्तकालयों का समर्थन करेगी।
      9. कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि स्मारकों और पुरातन अवशेषों पर राष्ट्रीय मिशन को पुनर्जीवित किया जाए। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को अधिक धन और मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा।
      10. कांग्रेस विदेशों में राष्ट्रीय एकता और भारतीय सॉफ्ट पावर को बढ़ावा देने के लिए भारतीय संस्कृति की पारंपरिक और समकालीन अभिव्यक्तियों के भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद के लिए अनुदान की पेशकश करेगी।
      11. कांग्रेस कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की समीक्षा करेगी और उसे मजबूत करेगी।