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पर्यावरण न्याय

environment

पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन

कांग्रेस तीव्र, समावेशी और सतत विकास के प्रति अपनी गहन प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करती है एवं इसके पारिस्थितिक तंत्र, स्थानीय समुदायों, वनस्पतियों और जीवों की रक्षा करेगी। हमे याद है कि वह प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ही थीं जिन्होंने सबसे पहले इस उद्देश्य के लिए कानून, नियम और संस्थाएं बनाई थीं। जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में तैयार की गई थी। इस कार्य योजना की भाजपा की गलत आलोचना के बावजूद, भाजपा/एनडीए सरकार ने बाद में इसकी प्रासंगिकता और वैधता को स्वीकार किया। हालांकि, इसमें पिछली नीतियों से कई विचलन हुए हैं और 'व्यापार करने में आसानी' के नाम पर पर्यावरण संरक्षण, वन संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण, तटीय क्षेत्र विनियमन, आर्द्रभूमि संरक्षण और आदिवासी अधिकारों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण घटकों को कमजोर कर दिया गया है।
वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भारी असर डाल रहे हैं। आदिवासी और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में आजीविका नष्ट हो रही है।
कांग्रेस पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को उस गंभीरता से संबोधित करेगी जिसकी वे हकदार हैं।

  1. कांग्रेस पर्यावरण मानकों की स्थापना, निगरानी और कार्यान्वयन और राष्ट्रीय और राज्य जलवायु परिवर्तन योजनाओं को लागू करने के लिए एक स्वतंत्र पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन प्राधिकरण का गठन करेगी।
  2. कांग्रेस अक्षय ऊर्जा, सतत बुनियादी ढांचे और हरित नौकरियों के निर्माण पर केंद्रित एक ग्रीन न्यू डील निवेश कार्यक्रम शुरू करेगी।
  3. वायु प्रदूषण की समस्या से तत्काल निपटने के लिए कांग्रेस राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को मजबूत करेगी।
  4. कांग्रेस भारत की नदियों में अपशिष्ट पदार्थों के प्रवाह को रोकने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी।
  5. कांग्रेस पहाड़ी जिलों में भूस्खलन के मुद्दे का अध्ययन करने, भूस्खलन को रोकने के उपाय विकसित करने एवं नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति नियुक्त करेगी।
  6. कांग्रेस देश के तटीय क्षेत्रों की रक्षा करेगी। मछली पकड़ने वाले समुदायों की आजीविका को प्रभावित किए बिना तटीय क्षेत्रों को संरक्षित किया जाएगा।
  7. भारत ने 2015 एवं 2020 के बीच ब्राजील के बाद वन क्षेत्र की सबसे बड़ी हानि का अनुभव किया। कांग्रेस वन क्षेत्र को बढ़ाने, 'वन' एवं 'वन आवरण' को फिर से परिभाषित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ काम करेंगे एवं आधुनिक वैज्ञानिक मानकों के अनुसार, वनीकरण में स्थानीय समुदायों को शामिल करेगी।
  8. कांग्रेस देश के सभी घरों को सस्ती कीमत पर स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन उपलब्ध कराएगी। कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि 'उज्ज्वला' लाभार्थियों के बीच एलपीजी सिलेंडरों का उपयोग मौजूदा औसत संख्या 3.7 प्रति वर्ष से बढ़ाया जाए।
  9. ग्रीन ट्रांजिशन के लिए आवश्यक फंडिंग को सुविधाजनक बनाने एवं 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, कांग्रेस राज्य सरकारों एवं निजी क्षेत्र के साथ मिलकर ग्रीन ट्रांजिशन फंड ऑफ इंडिया की स्थापना करेगी।
  10. कांग्रेस आपदा प्रबंधन को मनुष्यों तक सीमित नहीं रखेगी एवं इसका विस्तार करके इसमें जंगली जानवरों, घरेलू जानवरों, पालतू जानवरों, पशुधन, कृषि फसलों एवं बागानों को शामिल करेगी।
  11. कांग्रेस राष्ट्रीय अनुकूलन कोष में आवंटन बढ़ाएगी एवं कोष के उपयोग के लिए दिशानिर्देशों की समीक्षा करेगी।
  12. कांग्रेस जलवायु परिवर्तन पर 2008 की राष्ट्रीय कार्य योजना से राष्ट्रीय जलवायु रेसिलिएंस विकास उद्देश्य में परिवर्तन करेंगे जो यह सुनिश्चित करेगा कि विकास के सभी क्षेत्र कार्रवाई एवं मापने योग्य लक्ष्यों के लिए प्रोटोकॉल प्रदान करें।
  13. मनुष्य एवं वन्य जीव-जंतुओं के बीच संघर्ष बढ़ गया है। कांग्रेस हस्तक्षेप करेगी एवं ऐसे समाधान पता लगाएगी जो संघर्ष के क्षेत्रों के लिए विशिष्ट हैं।

जल प्रबंधन एवं स्वच्छता

भारत में दुनिया की आबादी का 18 प्रतिशत हिस्सा है लेकिन जल संसाधन केवल 4 प्रतिशत है। जलवायु परिवर्तन एवं अनियमित मानसून ने किसानों, उद्योगों, उपभोक्ताओं एवं अन्य लोगों द्वारा महसूस किए जाने वाले पानी के तनाव को बढ़ा दिया है।

Water Management and Sanitation
  1. कांग्रेस जल शक्ति मंत्रालय के दायरे का विस्तार कर जल संबंधी गतिविधियों एवं विभागों को एक प्राधिकरण के तहत लाएगी।
  2. कांग्रेस सभी शहरों, कस्बों एवं ग्राम पंचायतों में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए एक राष्ट्रव्यापी योजना लागू करेगी।
  3. जल संचयन को अनिवार्य बनाया जाएगा। सभी तटीय क्षेत्र में डिसेलिनेशन प्लांट लगाए जाएंगे। गैर-पीने योग्य एवं औद्योगिक उपयोग के लिए पुनर्चक्रित जल के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
  4. कांग्रेस पानी तक पहुंच एवं पानी के यथोचित बंटवारे पर विशेष ध्यान देगी। कांग्रेस बांधों एवं जल निकायों में भंडारण, भूजल की भरपाई एवं राज्य सरकारों, नागरिक समाज संगठनों, किसानों, पंचायतों एवं ग्राम सभाओं एवं नगर पालिकाओं को शामिल करते हुए जल प्रबंधन का एक बड़ा भागीदारी कार्यक्रम बनाकर इन मुद्दों का समाधान करेगी।
  5. नदियों में अपशिष्ट पदार्थ छोड़े जाने के कारण हमारी नदियाँ प्रदूषित हो गई हैं। नदियों में किसी भी प्रकार का अपशिष्ट प्रवाहित करना कानून द्वारा निषिद्ध होगा। कानून द्वारा पंचायतों एवं नगर पालिकाओं को अपशिष्ट पदार्थों एवं अपशिष्टों के निपटान के लिए योजनाएं तैयार करने एवं लागू करने की आवश्यकता होगी।
  6. मैला ढोने की कुप्रथा को कांग्रेस खत्म करेगी। प्रत्येक मैला ढोने वाले का पुनर्वास किया जाएगा, उसे फिर से कुशल बनाया जाएगा, नौकरी प्रदान की जाएगी एवं सम्मान एवं सुरक्षा का जीवन सुनिश्चित किया जाएगा। मैनुअल स्कैवेंजिंग निषेध अधिनियम, 2013 को सख्ती से लागू किया जाएगा और मैनुअल स्कैवेंजिंग के लिए किसी को नियुक्त करने वाले व्यक्ति को दंडित किया जाएगा। हम काम के दौरान मृत सफाई कर्मचारियों के परिवारों को 30 लाख रुपये का मुआवजा देंगे। कांग्रेस उन मशीनों की खरीद के लिए पर्याप्त धन आवंटित करेंगे जो सीवर एवं सेप्टिक टैंकों को साफ करेंगी एवं मानव अपशिष्ट को हटाएंगी। सभी सफाई कर्मियों को निःशुल्क बीमा उपलब्ध कराया जायेगा।
  7. राज्य सरकारों के सहयोग से भूमिगत जल निकासी एवं सीवेज के सुरक्षित निपटान का एक व्यापक कार्यक्रम दस वर्षों में सभी कस्बों एवं नगर पालिकाओं में लागू किया जाएगा।
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