किसानों का आंदोलन कृषि क्षेत्र में गहरे संकट की घंटी बजा रहा है। भाजपा/एनडीए सरकार की प्रतिक्रिया संवेदनहीन और क्रूर रही है। किसानों को उनकी उपज का उचित और लाभकारी मूल्य नहीं मिलता; न ही उत्पादकों के पास अपनी उपज के विपणन के लिए पर्याप्त रास्ते हैं। निर्यात नियंत्रण ने किसानों को कमजोर कर दिया है। खेतिहर मजदूरों की दुर्दशा तो और भी बदतर है; काम की उपलब्धता अनियमित है और मजदूरी लगभग 4 वर्षों से स्थिर है।
कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने किसानों और खेतिहर मजदूरों के संकटकाल की पुकार पर ध्यान दिया है और कांग्रेस उनके दर्द को कम करने और कृषि को एक आकर्षक आजीविका बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कांग्रेस मछली पालन के उद्योग को बढ़ावा देने और 280 लाख (2.8 करोड़) से अधिक मछुआरों की आजीविका की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।