काम - रोज़गार और विकास

जहां एक तरफ बेरोजगारी देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, वहीं दूसरी तरफ रोजगार सृजन अर्थव्यवस्था की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पिछले 5 वर्षो में बेरोजगारी दर में बेतहाशा वृद्धि हुई है, सरकार के खुद के आंकड़ों के अनुसार यह 45 साल के उच्चतम् स्तर 6.1 प्रतिशत तक पहुँच गई है। जबकि सेन्टर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार बेरोजगारी की दर 7.2 प्रतिशत है। फरवरी के अन्त तक, लगभग 3.1 करोड़ लोग नौकरी की तलाश में थे, आकंडे बता रहें कि कुल रोजगार में कमी आई है, श्रम भागीदारी दर में कमी आई है और बड़े पैमाने पर वर्तमान नौकरियां खत्म हो रही हैं। बढ़ती बेरोजगारी और मौजूदा नौकरियों के खत्म होने से, सभी वर्ग महिला, युवा, छोटे व्यापारी, व्यवसायी, किसान, दिहाड़ी मजदूर और खेतिहर मजदूर बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।

  1. कांग्रेस मौजूदा नौकरियों की सुरक्षा और नयी नौकरियों के सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का वचन देती है।
  2. उद्योग और सेवा के क्षेत्र के विकास और नयी नौकरियों के सृजन के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी को रेखांकित करते हुए कांग्रेस एक नया उद्योग, सेवा और रोजगार मंत्रालय का गठन करेगी।
  3. 1 अप्रैल, 2019 के अनुसार केन्द्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, न्यायपालिका और संसद के सभी 4 लाख रिक्त पदों को मार्च 2020 तक भर दिया जायेगा। कांग्रेस सरकार राज्यों को, शिक्षा-स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों (ग्राम पंचायत, नगर निकाय) के लिए धन आंवटित करने से पहले शर्त रखेगी कि शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों के सभी रिक्त पदों (करीब 20 लाख) को प्राथमिकता से भरा जाये।
  4. हम सरकारी योजनाओं के बेहतरीन क्रियान्वयन के लिए पंचायत और स्थानीय निकायों में, राज्य सरकार के साथ मिलकर लगभग 10 लाख सेवा मित्रों की नियुक्ति करेगें, जिनका कार्य सरकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में सहायता करना होगा।
  5. सरकारी परीक्षाओं और सरकारी पदों के लिए होने वाली परीक्षा से आवेदन शुल्क को समाप्त किया जायेगा।
  6. कांग्रेस वायदा करती है शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों का व्यापक विस्तार करते हुए, प्रशिक्षित अध्यापकों, डाक्टर, नर्स, परा-चिकित्सा तकनीशियनों, अनुदेशकों और प्रशासकों के लिए लाखों नये रोजगारों का सृजन करेगी।
  7. हम विनिर्माण क्षेत्र, विशेषकर छोटे और मध्यम स्तर के (MSME) के विकास को तेज गति प्रदान करने के लिए, नयी इकाईयों की स्थापना के साथ-साथ, पुरानी इकाईयों को विस्तार देने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों और कलस्टर शहरों में, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे की स्थापना करेंगे।
  8. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, रोजगार सहायक, प्रेरक, अनुदेशक, सहित अनेक राज्य सहायक कार्यकर्ता सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली की रीढ़ हैं। हम संबंधित कार्यक्रमों के लिए आवंटित धन में वृद्धि करेंगे और राज्य सरकार के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि इन राज्य सहायक कार्यकर्ताओं को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन से अधिक मिले तथा इनके सभी बकायों का तुरन्त भुगतान हो। हम राज्य सरकारों के साथ मिलकर, इनके वेतन, कार्य स्थिति सहित सभी लंबित और विवादास्पद मुद्दों को जानने-समझने और उनका हल ढूढ़ने का हरसंभव प्रयास करेंगे। इसके अलावा, हम आशा कार्यक्रम का विस्तार करेंगे तथा 2500 से अधिक आबादी वाले गांवो के लिए दूसरी आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति करेंगे।
  9. कृषि क्षेत्र के बाहर, कुल रोजगार का 90 प्रतिशत हिस्सा छोटे और मंझले उद्योग (MSME) का है, नियोजित पूंजी के आधार पर एम.एस.एम.ई. की परिभाषा श्रमिकों के खिलाफ है, कांग्रेस, एम.एस.एम.ई. की परिभाषा को रोजगार से जोड़ेगी, कोई भी व्यापार जिसमें 10 से कम कर्मचारी हैं, उसे माइक्रो, 11 से 100 व्यक्तियों वाले उपक्रम को लघु और 101 से 500 व्यक्तियों वाले उपक्रम/व्यवसाय को मध्यम श्रेणी में रखा जायेगा।
  10. हम इंटरप्राइज सपोर्ट एजेंसी की स्थापना करेंगे, जिसका काम होगा, हर प्रकार की सहायता अर्थात परामर्श, उष्मायन (Incubation), प्रोद्योगिकी तक पहुँच, वित्त की व्यवस्था, घरेलू और निर्यात बाजार, नये उत्पादों, सेवाओं और बौद्धिक समर्थन को, स्टार्ट-अप सहित, सभी उद्यमियों तक उनके व्यापार में मदद के लिए पहुँचाना।
  11. हम छोटे और मध्यम स्तरीय उद्यमियों को नियामक राहत प्रदान करेंगे। 1 अप्रैल, 2019 या स्थापना की तारीख से 3 साल की अवधि तक, सभी सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए लागू कानूनों (न्यूनतम् मजदूरी और कर नियम कानूनों को छोड़कर) में छूट का वायदा करते हैं। इसका मतलब हुआ कि जब तक वे स्थिर/सक्षम नहीं हो जाते तब तक ‘नियमों और कानूनों’ से राहत और पूर्ण मुक्ति।
  12. कांग्रेस कुछ आवश्यक सामान और सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए मास इंटरप्रेन्योरशिप और सहायक इंटरप्रेन्योरशिप जैसे जांचे-परखे मॉडल को दोहराने को प्रोत्साहित करेगी।
  13. निर्माण, कपड़ा, चमड़ा, रत्न और गहने, मनोरंजन, पर्यटन और खुदरा व्यवसाय रोजगार सृजन के सबसे बड़े क्षेत्र हैं, हम प्रत्यक्ष कर को कम करके तथा सी.एस.आर. फण्ड में दिये जाने वाले योगदान को कम करके, उन उद्यमों और व्यवसायों को पुरस्कृत करेंगे, जो नयी नौकरियों का सृजन करेंगे
  14. हम उन व्यवसायों को विशेष राजकोषीय प्रोत्साहन देंगे, जहाँ कुल रोजगार का कुछ प्रतिशत सिर्फ महिलाओं को दिया जायेगा।
  15. निर्यात से रोजगार पैदा होता है, इसलिए हम निर्यात उन्मुख उद्योगों को करों में छूट के अलावा अन्य तरीकों से भी प्रोत्साहित करेंगे।
  16. पर्यटन रोजगार का सृजन करते हैं, हम पर्यटन संबंधी व्यवसायों की सहायता और सहयोग करने के लिए पर्याप्त पूंजी के साथ पर्यटन विकास बैंक की स्थापना करेंगे, जो कम लागत में पर्यटन संबंधी व्यवसाय को लम्बे समय के लिए ऋण उपलब्ध करवायेगा, हम पर्यटन व्यवसाय को कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आय की दरों में छूट देंगे।
  17. हम महसूस करते हैं कि लाखों अर्धकुशल युवाओं (जो स्कूली शिक्षा पूरी नहीं कर पाये) के लिए रोजगार उपलब्ध करवाना बेहद जरूरी है, इसके लिए ग्राम-सभाओं और स्थानीय निकायों के माध्यम से दो विशेष परियोजनाएं चलाई जायेंगी, जिनके जरिये लाखों रोजगार उत्पन्न होंगे।
    1. जलाशयों का निर्माण एवं मरम्मत (जलाशय पुनर्निर्माण अभियान)
    2. बंजर एवं अनुपयोगी भूमि का पुनर्रुद्धार एवं नवीनीकरण (बंजर भूमि पुनर्रुद्धार अभियान)
  18. कांग्रेस 100 से अधिक कर्मचारी/श्रमिकों वाले उद्यमों को कहेगी कि वे अपने उपक्रमों मे प्रशिक्षु/इंटर्नशिप कार्यक्रम की शुरूआत करके युवाओं को कौशल प्रदान करें प्रशिक्षण के दौरान उन्हें कुछ छात्रवृत्ति या वजीफा प्रदान करें और उनके व्यवसाय में जो भी नयी नौकरी उत्पन्न हो उनमें इन प्रशिक्षित युवाओं को समाहित करें। इस अतिरिक्त ”प्रशिक्षु/इंटर्नशिप कार्यक्रम“ को लागू करने के लिए कंपनी नियम 2014 (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व नीति) में संशोधन करके ऍप्रेन्टिसशिप को नये कार्य के रूप में जोड़ेंगे
  19. नयी प्रोद्योगिकी के विकास के साथ पैदा होने वाली नयी नौकरियों की हम पहचान करेंगे और युवाओं को नये प्रकार की नौकरियों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
  • काम

    रोजगार और विकास

  • दाम

    सबके हितार्थ अर्थव्यवस्था

  • शान

    हमारी दूरदर्शिता और ढृढ़शक्ति पर गर्व

  • सम्मान

    सभी के लिये सम्मानजनक जीवन

  • सुशासन

    स्वतंत्र और जवाबदेह संस्थानों की मदद से

  • स्वाभिमान

    वंचितों का आत्मसम्मान